हेलीकॉप्टर मनी की चर्चा
भारत में कोविड-19 का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है और ऐसे में अर्थव्यवस्था की दिक्कतें बढ़ गई हैं.अर्थव्यवस्था के लिए हाल फिलहाल में कोई राहत मिलती हुई भी नहीं दिख रही है. ऐसे में दुनिया भर की सरकारें अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाने में जुटी हैं. वह अलग-अलग तरह के कदमों के बारे में चर्चा कर रही हैं. इसी बीच एक नया शब्द आया है हेलीकॉप्टर मनी. आज हम आपको बता रहे हैं कि असली कॉप्टर मनी का मतलब क्या है और यह इस आर्थिक संदर्भ में कैसे काम आ रहा है.
आर्थिक नुकसान रोकने की पहल
लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधि ठप होने के कारण देश को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है. मोदी सरकार ने राहत पैकेज की घोषणा तो की, लेकिन वह गरीब और मजदूर वर्ग के लिए था. अब उम्मीद की जा रही है कि सरकार लॉकडाउन की वजह से हो रहे आर्थिक नुकसान को देखते हुए हर सेक्टर के लिए वित्तीय पैकेज की घोषणा कर सकती है.
टीआरएस प्रमुख ने की है मांग
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भारत के बैंकिंग नियामक रिजर्व बैंक से हेलीकॉप्टर मनी जारी करने की मांग की है, ऐसे में यह समझना जरूरी है कि यह हेलीकॉप्टर मनी क्या होती है.
खर्च बढ़ाने की कवायद
आर्थिक संकट के बीच जब आम लोगों का खर्च कम हो जाता है तो सरकार मुफ्त पैसे बांटकर लोगों के खर्च और उपभोग को बढ़ावा देती है. देश के आम लोगों के खर्च में बढ़ोतरी होने से मांग बढ़ती है और अर्थव्यवस्था में सुधार आता है. यही पैसा हेलीकॉप्टर मनी कहलाता है.
आर्थिक गतिविधियां बढ़ाना
सरकार आर्थिक संकट के दौरान हेलीकॉप्टर मनी का इस्तेमाल करती है. इसके जरिए आम लोगों के खाते में सीधे पैसे भेजे जाते हैं. इसके पीछे मकसद यह होता है कि पास में पैसे होने पर लोगों का खर्च बढ़ेगा. लोग अपना खर्च बढ़ाएं तो मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी.
मांग बढ़ाना है मकसद
हेलीकॉप्टर मनी के जरिए सरकार का मकसद बाजार में ग्राहकों की डिमांड बढ़ाना होता है. जैसे-जैसे ग्राहकों की मांग बढ़ेगी वैसे ही देश की इकनॉमी भी मजबूत होती जाएगी और देश आर्थिक संकट से बाहर आ सकेगा.
कब होता है इस्तेमाल
हेलीकॉप्टर मनी की खोज साल 1969 में नोबेल पुरस्कार सम्मानित अमेरिकी अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रीडमैन ने की थी. हेलीकॉप्टर मनी का इस्तेमाल कोई भी सरकार उस वक्त करती है जब देश में आर्थिक संकट चरम पर हो, देश में आर्थिक मंदी की स्थिति बन गई हो.
खर्च बढ़ाने की कवायद
सरकार गिरती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर नोटों की छपाई करती है और बाजार में नकदी की उपलब्कीधता बनाने के बाद जनता से खरीदारी करने की अपील करती है. सरकार लोगों के खाते में सीधे पैसे भेजती है, ताकि लोगों का खर्च बढ़े.
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